मीरा-भायंदर महानगर पालिका द्वारा रंगमंच (Theatre) नीति घोषित
मीरा-भायंदर महानगर पालिका ने रंगमंच नीति के तहत ये प्रस्ताव पास किया है कि, थिएटर (Theatre) का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ नाटक और ड्रामा के लिए ही किया जायेगा ना की शादियों और अन्य फंक्शन के लिए। रंगमंच नीति की घोषणा करते हुए मंगलवार को ये बात कही गयी और इसकी पुष्टि बुधवार को प्रेस रिलीज़ के ज़रिये की गयी। इससे थिएटर प्रेमी नाटकों का लुत्फ सुकून से उठा सकेंगे। थिएटर चलाने की जिम्मेदारी भी खुद मनपा ने अपने कंधों पर ली है
पालिका ने अक्टूबर के महीने में ‘भारत रत्न लताताई मंगेशकर नाट्यगृह‘ का उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ज़रिये कराया था। पांच माह बाद मंगलवार को आयुक्त दिलीप ढोले ने रंगमंच नीति तय करने के बाद प्रशासक के नाते मंजूरी दे दी।

इस थिएटर में बड़े हॉल, छोटे हॉल और आर्ट हॉल का उपयोग करने के लिए कुछ दरों को तय किया गया हैं। इसमें बड़े हॉल का किराया 50,000 रुपये और छोटे हॉल का 25,000 रुपये है। इसमें हर साल 5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इस थियेटर का उपयोग नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए ही किया जा सकता है. विवाह, जन्मदिन और पोलिटिकल कार्यक्रम मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके कारण प्रशंसक केवल नाटकों का आनंद ले सकेंगे।
चलाने की जिम्मेदारी खुद महानगर पालिका की
इसे चलाने की जिम्मेदारी खुद महानगर पालिका ने अपने पास ही रखी है। इसके लिए थियेटर मैनेजर , क्लर्क एवं peon की विशेष नियुक्ति की जायेगी. खास बात यह है कि थियेटरों के इस्तेमाल के लिए नगर पालिका द्वारा तय की गई दरें एक समान नहीं हैं बल्कि अलग-अलग भाषाओं और नाटकों के अलग-अलग सीजन के हिसाब से तय की गई जाएँगी।
थिएटर के रखरखाव और मरम्मत के लिए, सुरक्षा के लिए और कैंटीन चलाने के लिए एक ठेकेदार नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है। भविष्य में शहर के रंगमंच प्रेमी इस नाटक का लुत्फ अच्छे से उठाएंगे, ऐसी उम्मीद आयुक्त दिलीप ढोले ने व्यक्त की है।