Bhayandar: 06 मार्च 2023 को मराठों द्वारा पुर्तगालियों से जंजीरे धारावी किले (Janjire Dharavi Fort) पर कब्जा किए जाने के 284 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर मीरा भायंदर महानगर पालिका आयुक्त और प्रशासक दिलीप ढोले की उपस्थिति में जंजीरे धारावी किले में “विजय दिवस” मनाया जाएगा।
जंजीरे धारावी किला (Janjire Dharavi Fort) वसई किले के ठीक सामने उत्तन के चौक के पास स्थित है। यह किला गांव की ओर ऊपर जाते समय चौक जेट्टी से शुरू होता है। चिमाजी अप्पा (Chimaji Appa) ने पुर्तगाली समुद्री रसद को काटने के लिए 6 मार्च 1739 को पुर्तगालियों पर हमला कर किले को अपने कब्ज़े में कर लिया। इसलिए इस दिन को दुर्ग प्रेमियों द्वारा “विजय दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा किले में चिमाजी अप्पा (Chimaji Appa) की एक घुड़सवारी प्रतिमा का अनावरण किया गया है। इसके अलावा इस ऐतिहासिक किले के बारे में शहर के नागरिकों में जागरूकता पैदा करने के लिए महानगर पालिका द्वारा विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित किया जा रहा है। वहीं कमिश्नर की परिकल्पना से इस वर्ष पहली बार “फोर्ट साइक्लोथॉन 2023” का आयोजन किया गया।
खास बात यह है कि इस किले के सौंदर्यीकरण के लिए महानगर पालिका और राज्य सरकार की ओर से बजट में कुल 13 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है. साथ ही दुर्ग प्रेमियों की मांग पर पहली बार किले में “विजय दिवस” मनाया जाएगा। इस संबंध में आयुक्त ने विभागाध्यक्षों को आवश्यकतानुसार कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं.
हालांकि, आयुक्त और प्रशासक दिलीप ढोले ने मीरा भायंदर शहर के नागरिकों और किले के प्रेमियों से 6 मार्च 2023 को “विजय दिवस” मनाने के लिए शाम 4.00 बजे जंजीरे धारावी किले में अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की है।
सच बात ये है
इस ऐतिहासिक जंजीरे धारावी किले (Janjire Dharavi Fort) को राज्य सरकार के साथ साथ मीरा भायंदर महानगर पालिका भी भुला बैठी थी। यहाँ पर शराब और नशेड़ियों का चहेता अड्डा बन गया था। शराब और चिलम मिलना आम हो गया था। पिछले साल पूर्व नगरसेवक रोहित सुवर्णा और नवजवान पत्रकार मयूर ठाकुर और उनके कुछ साथियों ने कुछ हफ्तों तक मेहनत कर साफ़ सफाई की और लोगों और प्रशासन को इस किले के बारे में जागरूक कराया। नेताओं को फण्ड के लिए प्रेरित किया। आज जो किला देखने लायक बना वो इन नवजवानों की देन है।