Property Tax hikes by MBMC
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MBMC ४८% कर बढ़ोतरी के विरोध में सारी पार्टियां प्रशासक दिलीप ढोले को घेरा

भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता (Narendra Mehta) हो या वर्तमान विधायिका गीता जैन (Geeta Jain), भाजपा जिलाध्यक्ष Adv रवि व्यास (Adv. Ravi Vyas) या कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमोद सामंत (Pramod Samant) और प्रवक्ता प्रकाश नागाने (Prakash Nagane) सभी ने मीरा भायंदर महानगर पालिका आयुक्त व प्रशासक दिलीप ढोले (Dilip Dhole) उनकी क्षमता में लिए गए नए कर ढांचे में बढ़ोतरी (Tax hike) के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है। और चेतावनी देते हुए कहा है की अगर फैसला वापस नहीं लिया तो त्रीव जनआंदोलन करेंगे। 

MBMC द्वारा करों में वृद्धि

“पिछले साल की गई गड़बड़ी से अविचलित, जिसने हमें अदालत में जाने पर मजबूर किया, महानगर पालिका ने एक बार फिर से संपत्ति करों को बढ़ा (tax hike) दिया  है। बढ़ोतरी की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि एमबीएमसी ने न केवल टैक्स कलेक्शन में उच्चतम स्तर हासिल किया है बल्कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार से पर्याप्त धन प्राप्त किया है। यदि बढ़े करों को वापस नहीं लिया जाता है, तो हम नागरिकों से करों का भुगतान न करने की अपील करेंगे और आंदोलन भी शुरू करेंगे।” मेहता ने कहा।

बॉम्बे प्रोविंशियल म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1949 के अनुसार, 20 फरवरी को या उससे पहले कर वृद्धि के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेना अनिवार्य है, ताकि MBMC के 2023-24 के वार्षिक बजट में नई कर संरचना को समायोजित किया जा सके। जो की महानगर पालिका ने नहीं लिया था।  “हमारी मीटिंग के बाद आयुक्त दिलीप ढोले ने इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए दो दिन का समय मांगा है।” ऐसा मेहता ने कहा।

कर वृद्धि पूरी तरह अवैध: अड. रवि व्यास

वहीँ भाजपा जिलाध्यक्ष अड. रवि व्यास ने आयुक्त दिलीप ढोले को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि MBMC द्वारा नागरिकों पर लगाई गई 48 प्रतिशत कर वृद्धि (Tax hike) अवैध है. नगर निगम ने 13 मार्च 2023 को चालू वित्तीय वर्ष का बजट पेश कर नगर निगम अधिनियम की धारा 100 के तहत प्रशासनिक प्रस्ताव पारित किया है. भले ही बजट में कोई कर वृद्धि (tax hike) नहीं की गई थी, आयुक्त ने मार्च के अंत में जल कर की दर को 23% से बढ़ाकर 30% करने के लिए एक प्रशासनिक प्रस्ताव पारित किया। निवासियों के लिए 10% और अनिवासियों के लिए 15% का एक नया “जल आपूर्ति लाभ कर” नागरिकों पर लगाया गया था। अग्निशमन कर में 0.5% की वृद्धि हुई।

उससे पहले 10 फीसदी नया रोड टैक्स लगता था। यदि कर में वृद्धि (tax hike) की जानी है तो नगरपालिका अधिनियम की धारा 99 के अधीन इसे प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी या उससे पहले नियत किया जाना अपेक्षित है और ऐसी दरें तथा सीमाएँ राजपत्र में प्रकाशित की जायेंगी। तभी वृद्धिशील कर वृद्धि कानूनी हो सकती है। लेकिन कमिश्नर ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की। नगर पालिका के इतिहास में पहली बार नागरिकों पर कर वृद्धि का भार अवैध रूप से थोपा जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रवि व्यास ने कहा कि जब महानगर पालिका नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे रही है तो करोड़ों की टैक्स वृद्धि लागू नहीं होने देंगे.

रोलबैक या अधिवेशन में आवाज़: गीता जैन

“महत्वपूर्ण रूप से, प्रशासक के पास बजट स्वीकृत होने के बाद प्रशासनिक संकल्प द्वारा कर बढ़ाने का अधिकार नहीं है। फिर भी प्राप्त अधिकार का दुरूपयोग कर टैक्स बढ़ाने का आरोप मौजूदा विधायिका गीता जैन ने पत्र में किया है। अवैध टैक्स वृद्धि को रद्द करने की शिकायत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शहरी विकास विभाग से भी निश्चित की जायेगी. और आनेवाले अधिवेशन में विधानसभा में इसपर आवाज़ उठाई जायेगी, ऐसी चेतावनी गीता जैन ने दी है।

प्रस्तावित कर वृद्धि का कांग्रेस ने भी किया विरोध

जिला अध्यक्ष प्रमोद सामंत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से मुलाकात कर अपना विरोध जताया ही. सामंत ने आलोचना करते हुए और चुटकिया अंदाज़ में कहा है कि राज्य में शिवसेना (शिंदे) और भाजपा की सरकार सत्ता में है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा के पूर्व और वर्तमान विधायकों को कर वृद्धि के विरोध में आवाज़ उठानी पड़ रही है।

जिला प्रवक्ता प्रकाश नागने ने कहा कि बजट पेश करने से पहले जब हम पूर्व विधायक मुजफ्फर हुसैन (Muzaffar Hussain) की मौजूदगी में कमिश्नर से मिले थे और उन्होंने आश्वासन दिया था कि आम लोगों पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा. तब बजट में बिना किसी कर वृद्धि के बजट पेश किया गया था, तो अब क्या हुआ। प्रशासनिक शासन काल में ये अपेक्षा की जाती है की सबको विश्वास में लेकर बजट बनाया जाता है। आयुक्त ने जिस प्रकार कर वृद्धि की है वह अनुचित है और इस संबंध में सकारात्मक सोच के बाद कर वृद्धि का निर्णय रद्द किया जाना चाहिये और आम करदाताओं को राहत दी जानी चाहिये। नहीं तो कांग्रेस पार्टी जनता के हित के लये सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी।

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