Bhayandar: व्यवसायी श्याम सुंदर अग्रवाल (Shyam Sunder Agarwal), उसके भाई, दो भतीजे व एक अन्य के खिलाफ वैजनाथ म्हात्रे (Vaijnath Mhatre) ने जालसाज़ी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. अग्रवाल वो ही शख्स हैं जिन्होंने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की शिकायत अधिकारियों से की थी।
अग्रवाल के खिलाफ शिकायत भायंदर के मूर्धा गांव निवासी वैजनाथ म्हात्रे नाम के शख्स ने दर्ज कराई है.
ऑटोरिक्शा चालक म्हात्रे का आरोप एक अन्य आरोपी सुभाष जोशी को दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी के इर्द-गिर्द घूमता है। यह मुख्तारनामा कथित रूप से जाली था। आरोपी ने कथित तौर पर म्हात्रे को अपनी संपत्ति उन्हें हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया। २५ प्रतिशत ज़मीन दूसरे द्वारा बेचने पर १०० प्रतिशत जमीन पर ७/१२ लिखाने का भी आरोप भूमिपुत्र और मूलतः बलिराजा (किसान) रहे म्हात्रे ने लगाया है।
६८ वर्षीय म्हात्रे ने अपनी शिकायत में कहा है की उसके भाई यशवंत म्हात्रे की मृत्यु सन २०११ में ही हो गयी थी, लेकिन २०१३ के एक कॉन्सेंट डॉक्यूमेंट पर उसके सिग्नेचर दिखाया गया है। इसी तरह २२ वारिसों में से ११ की झूठी सिग्नेचर और ११ वारिसों को बिना बताये कोर्ट को गुमराह करते हुए कॉन्सेंट पेपर्स जमा किया गया है। इसी तरह सुभाष जोशी और अग्रवाल लोगों ने मिलकर हमारी सारी जमीन हड़प पर ली और जान से मारने की धमकी कई बार दे चुके हैं।
इन धाराओं की तहत मामला दर्ज
श्याम सुंदर अग्रवाल (Shyam Sunder Agarwal), उसके भाई मुरलीधर अग्रवाल, भतीजे शरद अग्रवाल, शुभम अग्रवाल और सुभाष रामरतन जोशी को आरोपी बनाया गया है। अग्रवाल और चारो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 34, 506 और 120-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। FIR की कॉपी mibhatimes.com के पास मौजूद है।
अग्रवाल के ही आरोप के बाद परमबीर सिंह (Parambir Singh) के ऊपर मुसीबत बढ़ी थी। अग्रवाल द्वारा सिंह के खिलाफ दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पुलिस निरीक्षक नंदकुमार गोपले और सहायक पुलिस निरीक्षक आशा कोर्के ने कथित तौर पर दबाव डाला, धमकी दी और उनसे पैसे वसूले।