Kajal Hindistani booked for hate speech at Mira Road
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हेट स्पीच के लिए काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ मीरा रोड में एफआईआर दर्ज

मीरा रोड पुलिस ने एक विशेष समुदाय के सदस्यों को टारगेट कर हेट स्पीच (Hate Speech) और अभद्र भाषा के लिए काजल शिंगला उर्फ ​​काजल हिंदुस्तानी (Kajal Hindustani) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। काजल हिंदुस्तानी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, 12 मार्च को मीरा रोड पर हिंदू जन आक्रोश मोर्चा के दौरान उसने भाषण दिया था। हालही में गुजरात के एक शहर में भी उसके खिलाफ प्राथमिक दर्ज कर उसे गिरफ़्तार किया गया था। नवी मुंबई के वाशी पुलिस स्टेशन में भी FIR दर्ज की गयी है।

एक अन्य मामले में, काजल को 9 अप्रैल को गुजरात में गिर सोमनाथ जिले के उना कस्बे में रामनवमी समारोह के दौरान कथित रूप से अभद्र भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

लव जिहाद और लैंड जिहाद के खिलाफ रैली

सुप्रीम कोर्ट पहले ही चेतावनी दे चुका है कि ऐसी रैलियों के दौरान कानून की अवहेलना और सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन में कोई भी अभद्र भाषा या कार्य नहीं कर सकता है। हिंदुस्तानी ने जिस रैली में भाषण दिया, वह सकल हिंदू समाज के समर्थन से ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ के विरोध में आयोजित की गई थी।

प्रदर्शनकारियों ने एक विशेष समुदाय को टारगेट करते हुए लव जिहाद और लैंड जिहाद से निपटने के लिए कानून की मांग करते हुए गोल्डन नेस्ट सर्कल से एसके स्टोन जंक्शन तक लगभग 3 किमी तक मार्च किया था। इस रैली में भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता, जिलाध्यक्ष रवि व्यास और वर्तमान विधायिका गीता जैन सहित हज़ारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिरकत कर अभद्र नारे लगाए थे। पुलिस कमिश्नर मधुकर पांडेय ने पुरे रैली और भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का दावा भी किया था। तक़रीबन डेढ़ महीने बाद पुलिस ने आखिरकार एफआईआर दर्ज कर ली है।

समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देना

प्राथमिकी के अनुसार, हिंदुस्तानी (Kajal Hindustani) ने अपने भाषणों में विभिन्न सांप्रदायिक मुद्दों पर समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने वाले वाक्य लगातार अपने भाषण में कहे थे।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हां, हमने काजल हिंदुस्तानी (Kajal Hindustani) पर आईपीसी की धारा 153 (ए) और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया है।” धाराएं धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगड़ने से संबंधित हैं। इन धाराओं में तीन साल तक की जेल की सज़ा का प्रावधान है।

कांग्रेस की स्थानीय यूनिट के सदस्यों और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नफरत भरे भाषण के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था और इस संबंध में पुलिस आयुक्त मधुकर पांडे से मुलाकात की थी। उन्होंने इस तरह की रैलियों और नफरत भरे भाषणों से साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा बताया था और तर्क दिया था कि ये समुदायों की धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं।

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