Madonna bar in Mira Road
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रिहायशी इमारत में चल रहे Madonna Bar पर पुलिस की रेड, रहवासियों ने 10 बारबालाओं को पकड़ा

मीरारोड – मीरा रोड स्थित एक रिहायशी इमारत के फ्लैट में Madonna Bar के नाम से डांसबार चलाने का आरोप लगाने वाले निवासियों ने 10 बारबालाओं को पकड़ने की हिम्मत की। पुलिस, महानगर पालिका, उत्पाद शुल्क आदि की नाक के नीचे चल रहे अवैध डांस बार पर कई बार शिकायत की गयी पर कोई सुनवाई नहीं हुई। लोग बार में टून होने के बाद गाली गलौच, मारपीट और काम्प्लेक्स में रहने वाली औरतों को बुरी नज़र से देखते है, ऐसा आरोप रहिवासिओं ने लगाया है। ये बार मीरा रोड पुलिस के जूरिस्डिक्शन में आता है

सिल्वर पार्क नाका स्थित चंद्रेश एकॉर्ड कॉम्प्लेक्स के फर्स्ट फ्लोर पर तीन फ्लैटों में अवैध रूप से स्ट्रक्चरल बदलाव कर एक सीढ़ी को हटा दिया गया। वहां मैडोना (Madonna Bar) उर्फ ​​खुशी ऑर्केस्ट्रा बार की शुरुआत की गयी। शनिवार की आधी रात के आसपास रहवासियों ने 112 पर कॉल कर बार से लाउडस्पीकर की आवाज आने की सूचना दी।

शिकायत सुनते ही बारबाला बार से जाकर बिल्डिंग की दूसरी मंजिल के अपार्टमेंट में छिप गई। रहवासियों ने घर को बाहर से घेर लिया और पुलिस को बुला लिया। आधी रात के करीब पुलिस पहुंची जब वहां पहुंची तो बारबालाओं को उनके हवाले कर दिया गया।

पुलिस ने IPC की कुछ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, लेकिन रहवासियों ने रोष जताते हुए कहा कि यह नाममात्र की कार्रवाई है। इस बार से यहां के नागरिकों को परेशानी हो रही है और कई बार मनपा, पुलिस और ठाणे के राज्य आबकारी विभाग से इसकी शिकायत कर चुके हैं.

पुलिस की छापेमारी के दौरान बार कर्मचारी फरार

निवासियों के अनुसार स्टाफ क्वार्टर की आड़ में बार गर्ल्स को छिपाने के लिए फ्लैटों को एक सुरक्षित अड्डे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। जब तक पुलिस पहुंची तब तक संचालक, प्रबंधक, वेटर, संगीतकार और ग्राहक मौके से फरार हो चुके थे। हालांकि, फ्लैट के अंदर एक दर्जन से ज्यादा बार गर्ल्स मौजूद थीं।

“हम सभी के लिए एक बड़ा उपद्रव, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, इस बार ने परिसर की शांति और सद्भाव को नष्ट कर दिया है। शराब के नशे में मारपीट, छेड़खानी, तड़के तक जोर शोर के अलावा, बार मालिक ने भी बड़े आंतरिक बदलाव किए हैं,” इमारत के निवासी एडवोकेट जॉन डीमेलो ने कहा, जो अवैध और इस अनैतिक गतिविधियों के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया है कि शिकायत के बाद दिखावटी छापे पड़ते है और बाद में दूसरे नाम से लाइसेंस लाकर फिर से सब शुरू हो जाता है। आज तक कोई परमानेंट सोलुशन नहीं मिला, जिसकी वजह से ज्यादातर लोग घर बेच कर यहाँ से जाने पर मजबूर हुए हैं।

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