भायंदर: 20 जून को मीरा-भाइंदर की विधायिका गीता जैन ने जूनियर इंजीनियर शुभम पाटिल के धक्का बुक्की की और उसे थप्पड़ (Slap Gate) जड़ दिया था. इस संबंध में 21 जून को शुभम पाटील ने काशीमीरा पुलिस थाने में जैन के खिलाफ लिखित आवेदन दिया था. हालांकि, सोमवार को शुभम पाटील ने इस शिकायत को अचानक वापस ले लिया है. इस पर महानगर प्रशासन और जैन की मिलीभगत से पाटील पर दबाओ बनाकर मामले को निपटाने की कोशिश की गयी है, ऐसी सुगबुगाहट चल रही है।
राजनीतिक दबाव के कारण मामले को दबाने का प्रयास
गीता जैन का जूनियर इंजीनियर थप्पड़ कांड (Slap Gate) की गूँज पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई थी। यहाँ तक की नेशनल न्यूज़ चैनलों पर भी हेडलाइंस के जरिये चर्चा में रही। राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने भी इस विषय पर अपनी राय रखते हुए कहा कि जन प्रतिनिधियों द्वारा इस तरह का कृत्य करना उचित नहीं है और उन्हें अपने गुस्से पर कंट्रोल रखना चाहिए। लेकिन आठ दिन बाद जैन के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया. चूंकि जैन सत्ताधारी पार्टी को सपोर्ट कर रही हैं, इसलिए राजनीतिक दबाव के चलते मामले को शुरू से ही दबाने की कोशिश की गई।
पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर पूछा कि मनपा प्रशासन की ओर से गीता जैन के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया? मेहता ने कहा कि क्या कमिश्नर के ऊपर भी किसी का दबाओ है? संबंधित जूनियर इंजीनियर शुभम पाटिल भाजपा के इम्प्लॉई यूनियन के सदस्य हैं और यदि अपराध दर्ज नहीं किया गया, तो जल्द ही बैठक कर आंदोलन किया जायेगा। लेकिन मेहता की संस्था के सदस्य जूनियर इंजीनियर शुभम पाटील ने जैन के खिलाफ शिकायत वापस ले ली है, जिससे राजनीतिक हलके में हलचल मच गई है.
पालिका प्रशासन और जैन की मिलीभगत से मामला शांत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जूनियर इंजीनियर शुभम पाटील और उनके परिवार के लोग विधायक गीता जैन के कार्यालय में उनसे मिले। कहा जा रहा है कि मनपा प्रशासन और जैन की समझौता के बाद मामले को रफा-दफा कर दिया गया है.”