पानी की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मीरा-भायंदर के नागरिकों को अतिरिक्त पानी के लिए अब और भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. क्योंकि, इस शहर में सूर्या क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना (Surya Regional Water Supply Scheme) से पानी पहुंचाने वाली पाइपलाइन ही नहीं बिछी है। हालही में, मीरा भायंदर महानगर पालिका ने ४२५ करोड़ का टेंडर निकाला है, जिसमे कम से कम ढ़ाई साल का वक़्त लग सकता है। ऐसे ही ये योजना कई साल से विलम्ब होते जा रही है।
सूर्या क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना परियोजना (Surya Regional Water Supply Scheme) मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है और एक दशक से अधिक समय से काम चल रहा है। परियोजना को दो महानगर पालिकाओं – वसई विरार महानगर पालिका (VVMC) और मीरा भायंदर महानगर पालिका (MBMC) को प्रतिदिन 403 मिलियन लीटर (MLD) पानी की आपूर्ति करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें २७ और गांवों का समावेश है।
एमबीएमसी पाइपलाइन परियोजना के लिए टेंडर मंगाया है
अब जाकर एमबीएमसी ने पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए टेंडर मंगाया है। MMRDA घोड़बंदर रोड पर चेना तक ही एक मास्टर बैलेंसिंग जलाशय तक पाइपलाइन बिछाएगा। चेना गांव की पहाड़ी से एमबीएमसी को करीब 425 करोड़ रुपये खर्च कर वितरण लाइन (Distribution Lines) बनानी होगी। अब सवाल ये उठता है की क्या प्रशासन को इस बात का इल्म नहीं था की यहाँ उसे पाइपलाइन बिछानी है। जो अब टेंडर प्रकिर्या में गए हैं। दूसरा सवाल ये भी है कि, क्या जो कंक्रीट रोड का काम हो गया है, उसे फिर से खोदा जायेगा।
आपूर्ति पाइपलाइन को घोडबंदर रोड के साथ चेना से होटल फाउंटेन तक रखा जाएगा और उसके बाद, यह पश्चिमी एक्सप्रेस राजमार्ग के समानांतर दहिसर टोल नाका तक जाएगी। इसके लिए पाइपलाइन बिछाने का काम और आंतरिक जल वितरण नेटवर्क से जोड़ने में कम से कम ढाई साल का समय लगेगा। अभी तक जब ये परियोजना डिले हो रही थी, तब तक डिस्ट्रीब्यूशन लाइन्स के बारे में सोचा तक नहीं गया। अब जब परियोजना तैयार हो गयी और शायद अगले महीने वसई विरार में लागू भी हो जाये तो हम डिस्ट्रीब्यूशन लाइन्स के लिए टेंडर में फँस गए है। मीरा भायंदर में लगातार प्रोजेक्ट्स को पास किया जा रहा है। पानी की कमी है, शायद यही पानी माफिया को जन्म देते हैं। पानी की मीरा भायंदर में काफी किल्लत है, तक़रीबन ५० MLD पानी की रोज़ कमी है।
उपनगरों में पानी की कमी
वर्षों से, ये विस्तारित उपनगर पानी की कमी से जूझ रहे हैं, जिसने ‘जल माफिया’ को जन्म दिया है और नागरिक इस आवश्यकता की अपनी दैनिक आपूर्ति प्राप्त करने के लिए उनकी दया पर निर्भर हैं। शहर के दोनों विधायक सहित मीरा भायंदर मनपा आयुक्त और प्रशासक ने ६ महीने में सूर्या प्रकल्प से पानी का दावा अलग अलग मंचों से कर चुके है।
मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर एमएमआरडीए एस वी आर श्रीनिवास ने कहा, “फेज -1 योजना इस साल वीवीएमसी को पानी उपलब्ध कराएगी और एमएमआरडीए की परियोजना मार्च में समाप्त हो जाएगी। वसई शहर को अपनी आंतरिक वितरण प्रणाली को तेज करना होगा। इसमें हम उनकी मदद भी कर रहे हैं। चरण- II शेष 218 एमएलडी योजना आने वाले महीनों में एमबीएमसी को पानी उपलब्ध कराएगी।
वीवीएमसी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करने के लिए सूर्या नदी (पालघर-मनोर के बीच) और वसई-विरार महानगर पालिका क्षेत्राधिकार के बीच कुल 88 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई गई है। साथ ही मेंधवानखंड में टनल बनाने का काम पूरा कर लिया गया है। तुंगारेश्वर टनलिंग पर काम चल रहा है। कुल मिलाकर, चरण 1 का 95% और पूरी परियोजना का 82% काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन इस तरह के ढीले रवैये से नहीं लगता की मीरा भायंदर को जल्द ही पानी आपूर्ति हो सकती है।