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क्या मीरा भाईंदर में खत्म हो रहा है पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता का जलवा?

क्युकी जहाँ हज़ारों कार्यकर्ता मेहता की एक आवाज़ सेवन इलेवन स्कूल का ग्राउंड भर देते थे वहीँ सैकड़ों जमा करने में पसीना छूट रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओ के बाद अब कार्यकर्ता भी कन्नी काटते नज़र आ रहे हैं।

Mira Road: गुरुवार ६ अप्रैल को भाजपा का 43 वें स्थापना दिवस के मौके पर मीरा भायंदर में भाजपा के दो गुटों द्वारा दो अलग अलग प्रोग्राम रखा गया। पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता द्वारा एक ‘भव्य’ कार्यालय का भूमिपूजन किया गया तो दूसरी तरफ भाजपा जिलाध्यक्ष Adv. रवि व्यास द्वारा मैक्सस मॉल में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमा किया गया।

जिस कार्यालय का भूमिपूजन हुआ है उसे पूर्व विधायक नरेन्द्र मेहता द्वारा बनाया जाना है, इस कार्यक्रम का आयोजन भव्य तरीके से किया गया। उम्मीद थी की हजारों कार्यकर्ता, पदाधिकारी और ‘भव्य’ है तो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तो ज़रूर आएंगे लेकिन हुआ इसका बिलकुल उल्टा। महज कुछ कार्यकर्ताओं, जिनकी निष्ठा भाजपा से नहीं सिर्फ नरेंद्र मेहता की तरफ है, को छोड़ दे तो मैदान में काफी कुर्सियां खाली ही नज़र आयी। पूर्व मेयर ज्योत्सना हसनाले और पूर्व डिप्टी मेयर हसमुख गेहलोत के सिवा कोई बड़ा नेता नज़र नहीं आया।

मीरा भाईंदर में एक बार फिर बीजेपी दो गुट में बटी हुई नजर आई।

दोनों ही गुट अपना अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए नज़र आये। एक ही पार्टी में और एक ही जगह होने के बावजूद दो अलग अलग कार्यक्रम हुआ। जिलाध्यक्ष Adv रवि व्यास द्वारा आयोजित बीजेपी स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए प्रभारी श्रीकांत भारती,पूर्व खासदार संजीव नाईक, मीरा भाईंदर की विधायक गीता जैन, पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत म्हात्रे, सीनियर लीडर रोहिदास पाटील, कई पूर्व नगरसेवक सहित सैकड़ो बीजेपी कार्यकर्ता मौजूद थे। मैक्सस मॉल का तीसरा फ्लोर जन सैलाब में तब्दील हो गया था।

वहीं मेहता द्वारा आयोजित कार्यक्रम से वरिष्ठ नेतागण और स्थानीय कार्यकर्ता लगातार किनारा कर रहे है। मेहता के बहुताय कार्यक्रम में नजर आने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र चौहान भी इस बार कन्नी काट गए। भूमिपूजन के दौरान कार्यकर्ता खाली कुर्सियां समेटकर लाज बचाने की कोशिश में लगे रहे।

मंच से पूर्व विधायक नरेन्द्र मेहता का निष्ठा से भाषण सुनने वाले लोग भी एक दूसरे की बगलें झाकते नज़र आये। कुछ तो आ कर फंस गया जैसा एक्सप्रेशन दे रहे थे। लेकिन सामने बैठने पर मजबूर नज़र आ रहे थे। जैसे तैसे वहाँ से बाहर निकलने की फ़िराक में दिख रहे थे। आनन फानन में भाषण को बीच में ही रोककर भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न करना पड़ा।

राजनीति के जानकारों का कहना है की मेहता का दबदबा और राजनितिक रसूख अब मीरा भायंदर से धीरे धीरे खत्म होता नज़र आ रहा है। मेहता को मीरा भायंदर की राजनीति से दूर करने के लिए उन्हें नवी मुंबई का प्रभारी बनाया गया है। शायद सीनियर्स से बग़ावत उन्हें भारी पड़ रहा है।

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