Organ Donation Campaign by various priests
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Organ Donation के लिए किया धर्म गुरुओं को लूप इन

वॉक्हार्ट अस्पताल (Wockhardt Hospitals) की अनूठी पहल

मीरा रोड: मौत के बाद अंगदान (Organ Donation) से किसी जरूरतमंद व्यक्ति को नई जिंदगी मिल सकती हैं। इसलिए अंगदान करना बहुत जरूरी हैं। भारत में अंग दाताओं (Organ Donars) की कमी के कारण हर साल तक़रीबन 5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार लगभग हर साल मरीजों को 1,75,000 किडनी, 50,000 लीवर, हृदय और फेफड़ों की जरूरत होती है।

अंग दान (Organ Donation) के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मीरा रोड के वॉकहार्ट हॉस्पिटल ने एक अनूठी पहल की है। उन्होंने सभी समुदायों के धर्म गुरुओं के साथ मिलकर “जीवन का उपहार, धर्म से परे” अभियान शुरू किया हैं। इसमें हिंदू, जैन, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई धर्मों के गुरू इस अभियान में शामिल हुए हैं। इस अवसर पर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट के एक्सपर्ट डॉ पुनीत भुवानिया, कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश तेजवानी, डॉ. आशुतोष बघेल, डॉ. अकलेश टांडकर और अस्पताल के सेंटर हेड डॉ. पंकज धमीजा उपस्थित थे।

हर साल ५०,००० से अधिक किडनी फेल्योर (Kidney Failure) मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) की आवश्यकता होती है। जबकि ५००० से कम मरीजों को लाइव/कैडेवर दान के माध्यम से किडनी ट्रांसप्लांट (kidney Transplant) प्राप्त होता है।

इस अवसर पर डॉ पुनित भुवानिया ने कहा की, वोक्हार्ट किडनी ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट (Wockhardt Kidney Transplant Institute) के मोटो पर हमें विश्वास हैं कि, लाइफ विंस यानी जिंदगी जीतेगी। यह अभियान निश्चित रूप से अंगदान (Organ Donation) के बारे में लोगों के मानसिकता को बदल देगा और उन्हें अंगदान करने के लिए प्रेरित करेगा। एक व्यक्ति के अंगदान से आठ लोगों को नई जिंदगी मिल सकती हैं। एक व्यक्ति अधिकतम 8 अंग दान कर सकता है। हम इस जागरूकता को फैलाने के लिए धर्म गुरुओं के साथ मिलकर काम करने वाले हैं। इस सामाजिक अभियान में जिम्मेदार नागरिकों को शामिल करना हमारा मुख्य उद्देश्य हैं।

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