पी.एल.चतुर्वेदी “लाल” मुंबई का उत्तर पश्चिमी प्रवेश द्वार, जो आज मीरा भाईंदर महानगर के रूप में जाना जाता है, चालीस साल पहले बहुत ही पिछड़ा था। जन सुविधाओं का नितांत अभाव था। नयी आबादी आ रही थी, जनता संगठित नहीं थी, भय का माहौल था, ग्राम पंचायतों के पास फण्ड का अभाव था और सरपंच […]